दिल के लिए योग बेहतर है या जिम में वर्कआउट? विशेषज्ञ से समझें !
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दिल के लिए योग बेहतर है या जिम में वर्कआउट? विशेषज्ञ से समझें !

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जिम में वर्कआउट करने का क्रेज काफी ज्यादा बढ़ गया है। हालांकि ऐसे भी लोग हैं जो कहीं और जाने की बजाय घर पर ही योग करना पसंद करते हैं। हालाँकि, दिल से जुड़ी समस्याओं के कारण कई लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि क्या आपको अपने दिल की देखभाल के लिए योग करना चाहिए या जिम करना चाहिए।

नियमित व्यायाम शरीर और दिमाग को स्वस्थ रखता है और दीर्घकालिक लाभ देता है। वहीं, आजकल की तनावपूर्ण जिंदगी के कारण हृदय संबंधी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। वहीं, कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि धूम्रपान, उच्च रक्तचाप और मधुमेह जैसी बुरी चीजें हृदय स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। उनकी तुलना में गतिहीन जीवनशैली अधिक घातक और अधिक कठिन है। शोध से पता चलता है कि स्वास्थ्य जांच में, स्वस्थ लोगों की तुलना में अस्वस्थ लोगों के मरने की संभावना दो से तीन गुना अधिक होती है, भले ही उनके पहले से मौजूद स्वास्थ्य जोखिम कुछ भी हों। यही कारण है कि विशेषज्ञ हर किसी को अच्छे शारीरिक आकार में रहने की सलाह देते हैं।

शरीर को स्वस्थ और सक्रिय रखने के लिए कई व्यायाम गतिविधियां हैं, जिन्हें हर कोई अपनी पसंद और फिटनेस के अनुसार चुनता है। वहीं, आजकल फिटनेस ट्रेनिंग की मांग काफी बढ़ गई है। हालांकि ऐसे भी लोग हैं जो कहीं और जाने की बजाय घर पर ही योग करना पसंद करते हैं। आप सोचेंगे कि भले ही ये दोनों गतिविधियां अलग-अलग हैं, लेकिन शरीर को स्वस्थ रखने के लिए इनके फायदे एक जैसे हैं। जबकि ऐसा नहीं है। आज का लेख इस प्रश्न पर केंद्रित होगा।

जिम में कसरत करना बेहतर है या योग?

इस प्रश्न का उत्तर जानने के लिए हमने मणिपाल हॉस्पिटल सरजापुर, बैंगलोर के डॉ. सैकत कांजीलाल, कंसल्टेंट इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट से बात की। उनके अनुसार, आदर्श रूप से, एक व्यायाम कार्यक्रम में ऐसे व्यायाम शामिल होने चाहिए। जो दिल और फेफड़ों की फिटनेस, ताकत और गतिशीलता में सुधार कर सकें।

हार्ट हेल्थ के लिए कैसी एक्सरसाइज करें?

डॉ. सैकत कांजीलाल कहते है। कि जिन लोगों ने व्यायाम नहीं किया है। उन्हें हल्की से मध्यम स्पीड वाले व्यायाम से शुरुआत करनी चाहिए और हफ्तों से महीनों तक धीरे-धीरे इसे बढ़ाना चाहिए। हार्ट को हेल्दी रखते हुए एक्सरसाइज करने के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं।

सप्ताह मे कम से कम तीन या उससे अधिक दिन व्यायाम करें, और मध्यम से तेज गति की ओर धीरे-धीरे बढ़ें। हर सेशन के लिए एक समय निर्धारित करें, आदर्श रूप से 30 मिनट या उससे अधिक की आदत की आदत डालें। हेल्दी हार्ट के लिए जिम, एरोबिक, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, स्ट्रेचिंग, योग आदि को शामिल करें। जब हमने यह जान लिया कि एक सामान्य व्यक्ति को व्यायाम कैसे शुरू करना चाहिए, तो हम डॉक्टर से जिम ट्रेनिंग और योग के बारे में विस्तार से जानना चाहा।

जिम ट्रेनिंग

डॉ. कांजीलाल ने बताया कि जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हमारा शरीर की मांसपेशियों दुबली हो जाता है और हमारी हड्डियों का घनत्व धीरे-धीरे कम हो जाता है। मांसपेशियों स्ट्रेंथ कुछ और नहीं बल्कि किसी भी स्थिति में प्रतिरोध के खिलाफ ताकत लगाने की क्षमता है, जो बुनियादी शारीरिक स्थिति को परिभाषित करती है और ताकत, सहनशक्ति, गतिशीलता और संतुलन सहित बाकी सभी चीजों को प्रभावित करती है। जिम में एक अच्छी तरह से डिज़ाइन किए गए रेसिस्टेंस ट्रेनिंग प्रोग्राम के जरिए इस प्रकार की क्षति को रोकने में मदद मिल सकती है। जीवन की गुणवत्ता में सुधार के अलावा, यह हृदय रोग और अन्य पुरानी बीमारियों और समय से पहले मृत्यु के जोखिम को कम करता है।

डॉक्टर कहते हैं कि, जिम वर्कआउट सावधानी पूर्वक प्लान किया गया एक ट्रेनिंग प्रोग्राम होना चाहिए, न कि अनियोजित और बेतरतीब व्यायाम। इसके साथ ही उचित पोषण, पर्याप्त नींद, वर्कआउट के बीच आराम और तनाव प्रबंधन पर भी विचार करना चाहिए। उनका कहना है। कि अच्छी तरह से किए गए जिम ट्रेनिंग के कई फायदे हैं, जैसे ताकत और शक्ति में वृद्धि, बेहतर शारीरिक संरचना (वसा हानि, मांसपेशियों और हड्डियों के घनत्व में वृद्धि)। जिम ट्रेनिंग को सावधानी और निर्धारित भार के साथ किया जाना चाहिए,जब ऐसा किया जाता है, तो स्ट्रेंथ ट्रेनिंग बेहद सुरक्षित होती है। वहीं, अगर इन बातों का ध्यान न रखा जाए,तो जिम ट्रेनिंग और एक्सरसाइज हानिकारक हो सकती है। सैकत के अनुसार, हृदय रोगियों को व्यायाम में कठिनाई कम करने के लिए किसी योग्य शारीरिक प्रशिक्षक से प्रशिक्षण लेना चाहिए।

योग

वहीं, योग के बारे में उनका कहना है कि यह व्यायाम का एक शानदार रूप है जो ताकत, लचीलेपन, संतुलन और जीवन की गुणवत्ता में सुधार करता है। योग के मुख्य तत्व आसन, प्राणायाम और ध्यान हैं। योग का प्रयोग अक्सर विभिन्न स्थितियों में स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए किया जाता है।यहां कुछ हेल्थ कंडिशन्स दिए गए हैं, जिनमें योग सबसे मददगार होता है

शारीरिक फिटनेस, विशेष रूप से सीमित व्यायाम क्षमता वाले वयस्कों में गर्भावस्था, तनाव और चिंता, कार्डिएक रिहैबिलिटेशन, कैंसर थकान और अनिद्रा,डिप्रेशन,फाइब्रोमायल्जिया, पीठ के निचले हिस्से में दर्द, मल्टीपल स्केलेरोसिस (संतुलन), पार्किंसंस डिजीज।

अनुसंधान ने यह भी निर्धारित किया है कि मृत्यु को कम करने में कोई प्रभाव नहीं पड़ता है, लेकिन योग जीवन की गुणवत्ता, ट्राइग्लिसराइड्स, उच्च घनत्व वाले लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल, ‎रक्त चाप और सूचकांक को बेहतर करता है। इनमें से सर्वश्रेष्ठ अध्ययनों में दिल का दौरा (Heart attack) पड़ने के बाद रोगियों पर योग के किसी भी प्रभाव का पता नहीं चला। इंडिया के 2 रैंडम नियंत्रित परीक्षणों में बाईपास सर्जरी के बाद 5 वर्ष के अंत में जीवन की गुणवत्ता में सुधार और तनाव के स्तर में कुछ कमी देखी गई, परन्तु योग से दिल का दौरा पड़ने के बाद हृदय संबंधी प्रमुख प्रतिकूल घटनाओं में ज्यादा कमी नहीं आई।

हृदय रोग विशेषज्ञों का निष्कर्ष है कि योग एक मानसिक गतिविधि है, जिसमें कई आसन और साँस लेने के व्यायाम शामिल हैं जो शक्ति, लचीलेपन, संतुलन और विश्राम में सुधार कर सकते हैं। कई अलग-अलग तरीके या अभ्यास, जैसे हठ, आसन, अष्टांग और कई अन्य, विभिन्न लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जैसे टोनिंग, शक्ति प्रशिक्षण, या ध्यान। योग के प्रकार को रोगी की स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार अनुकूलित किया जाना चाहिए, क्योंकि किसी भी अन्य प्रकार के व्यायाम की तरह योग के भी अपने जोखिम होते हैं।

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