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Flight Ticket Price: भारत में विमान किराया तेजी से क्यों बढ़ रहा है? क्या कारण है यात्रियों पर बढ़ते बोझ का

भारत में इन दिनों हवाई किराए में बढ़ोतरी हो रही है। सरकार भी इसे लेकर कदम उठा रही है, और एयरलाइंस कंपनियों को हवाई किराए एक सीमा में रखने के लिए कह चुकी है। इस रिपोर्ट में जानेंगे कि क्यों भारत में हवाई किराए में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है।

एशिया और मध्य पूर्व के देशों की तुलना में हाल के दिनों में भारत में हवाई किराए में भारी वृद्धि देखी गई है। इसके कारण यात्रियों को हवाई यात्रा करने के लिए पहले के तुलना में अधिक कीमत चुकानी होगी,एयरपोर्ट काउंसिल इंटरनेशनल (एटीआई एशिया पैसिफिक) के अनुसार, भारत में हवाई यातायात में 41% की वृद्धि हुई है, जबकि संयुक्त अरब अमीरात में, वे बढ़े 34 % एयरफेयर सिंगापुर में 30% और ऑस्ट्रेलिया में 23% बढ़ा।

हवाई यातायात में वृद्धि के बारे में केंद्र सरकार क्या कहती है?

केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि कुछ चुनिंदा रूटों पर किराए में बढ़ोतरी की गई है. सरकार के हस्तक्षेप के बाद किराए में 60% तक की कमी देखी गई। केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि एयरलाइंस को टिकट की कीमतें एक निश्चित दायरे के भीतर रखने को कह दिया गया है।

दिल्ली से प्रमुख शहरों के लिए हवाई किराया (2 से 8 जून)

दिल्ली-बेंगलुरु: 33,747 रुपये


दिल्ली-मुंबई: 30,726 रुपये


दिल्ली- लेह: 13,090 रुपये


दिल्ली-पुणे: 27,710 रुपये


दिल्ली-श्रीनगर: 18,996 रुपये (सोर्स- क्लियरट्रिप)

हवाई किराए कैसे तय किए जाते हैं?

हवाई किराए तय करने में सरकार की कोई भूमिका नहीं होती है। इसमें डायनेमिक प्राइसिंग चलती है, जो कि बाजार की परिस्थितियों पर निर्भर करती है। जब मांग अधिक होती है तो कीमतें बढ़ती हैं और जब मांग कम होती है तो कीमतें गिर जाती हैं। इसके अलावा छुट्टियों, त्योहारों और लंबे वीकेंड की वजह से हवाई किराए में कई गुना बढ़ोतरी हो जाती है।

उदाहरण के लिए, यदि आप सितंबर में हवाई यात्रा करना चाहते हैं और इसके लिए अभी टिकट बुक करना चाहते हैं, तो आपको कम भुगतान करना होगा। जैसे-जैसे फ्लाइट की तारीख नजदीक आती है। उसके साथ ही फ्लाइट टिकट की कीमत बढ़ती चली जाएगी।

कौन-तय करता है हवाई किराए?

1994 में एयर कॉरपोरेशन एक्ट को हटाने के बाद हवाई किराए को सरकार की ओर से रेगुलेट नहीं किया जाता है। ये पूरी तरह से एयरलाइन कंपनियों पर निर्भर करता है। डारेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) केवल एविएशन की सुरक्षा को लेकर कार्य करता है। इसका हवाई किराए से कोई लेना-देना नहीं है। आपको बता दें, दुनिया भर के कई देशों में एयरलाइंस कंपनी ही हवाई किराए तय करती हैं।

आखिकार हवाई किराए में क्यों हुई बढ़ोतरी?

हवाई किराए में तेजी आने के काफी अलग-अलग कारण हैं।

विमानन ईंधन (एटीएफ) की कीमतों में वृद्धि।
हवाई यात्रा की मांग में वृद्धि।
यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध के कारण सप्लाई चेन में प्रभावित होना।

मंत्रालय की ओर से कहा गया कि हवाई किराए पर कोई नियंत्रण कहा गया है। यदि किराए पर प्राइस कैप लागई जाती है तो इससे बाजार प्रतिस्पर्धा के यात्रियों को मिलने वाले सारे लाभ खत्म हो जाएंगे।

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