Uttarakhand Tunnel Collapse: सुरक्षा, स्वास्थ्य, आशा और चेहरा… सुरंग में फंसे मजदूरों की पहली तस्वीरें आई सामने, देखें
Uttarakhand Tunnel Collapse News – उत्तराखंड में हुए सुरंग हादसे में 41 मजदूर सुरंग के अंदर फंस गए थे. इन्हें निकालने के लिए एक हफ्ते से ज्यादा समय से रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में सिल्कयारा सुरंग का एक हिस्सा ढह गया है। इसकी वजह से ही उसके भीतर काम कर रहे मजदूर वहीं फंस गए। मजदूरों को बचाने के लिए राहत और बचाव कार्य चलाया जा रहा है।
सुरंग के बाहर एक भारी मशीन नजर आ रही है. इनमें से कई मशीनें सुरंग में खोदी गई हैं, ताकि श्रमिक जितनी जल्दी हो सके उन तक पहुंच सकें। इस बीच सुरंग में फंसे मजदूरों की पहली तस्वीरें सामने आई है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मजदूरों का एक वीडियो और फोटो शेयर किया. इस तस्वीर में मजदूरों का एक समूह नजर आ रहा है। इनमें से ज्यादातर को आप कंस्ट्रक्शन टोपियों के साथ देख सकते है।
सुरंग मे फसे मजदूरों तक पहुंचने के लिए वहां एक छेद कर उसमें पाइप लगाया गया है। इस पाइप के दवारा ही मजदूरों तक कैमरा भेजा गया, जिसमें उनकी हर गतिविधि को रिकॉर्ड किया गया। पाइप की सहयता से ही मजदूरों को खाना भी भेजा जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल में फंसे श्रमिकों की पहली बार तस्वीर प्राप्त हुई है। सभी मजदूर भाई पूरी तरह सुरक्षित है। और हम उन्हें जल्दी और सुरक्षित बाहर निकालने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा रहे है।

तस्वीरों में देखा जा सकता है। कि सभी मजदूर स्वस्थ और सुरक्षित है। और साथ ही उनके चेहरे पर इस बात की उम्मीद भी नजर आ रही है कि उन्हें बचा लिया जाएगा। सरकार उन्हें बचाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है।
सिल्कयारा टनल में 12 नवंबर से मजदूर फंसे हुए हैं. इनमें से ज्यादातर मजदूर स्थानीय बताए गए है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया है कि एंडोस्कोपिक फ्लेक्सी कैमरे के माध्यम से बातचीत कर उनका कुशलक्षेम पूछा गया है।
सिल्कयारा सुरंग में जारी रेस्क्यू अभियान में सोमवार को अहम कामयाबी मिली थी। टनल के बंद हिस्से में 6 इंच की पाइप लाइन बिछाकर सेकेंडरी लाइफ लाइन बनाने के लिए ड्रिलिंग पूरी करके मलबे के आरपार 53 मीटर लंबी पाइपलाइन डाली गई है।
सोमवार शाम करीब साढ़े चार बजे एनएचएआईडीसीएल के निदेशक अंशुमनीष खलखो, जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला और टनल के भीतर संचालित रेस्क्यू अभियान के प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल ने मीडिया को अहम जानकारियां दीं।
उन्होंने कहा कि नौ दिन के रेस्क्यू ऑपरेशन में पहली बार बड़ी सफलता मिली है. इसके बाद मजदूरों को जल्द सुरक्षित बाहर निकालने की पूरी कोशिश की जाएगी. अभी तक 4 इंच का पाइप ही मजदूरों की जान बचाने के लिए लाइफलाइन बना हुआ है। इस खबर के बाद मजदूरों और उनके परिवारों ने खुशी जाहिर की. इस बीच, उत्तराखंड सरकार के सचिव डॉ. नीरज खैरवाल ने अधिकारियों और जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ सुरंग का निरीक्षण किया और बचाव अभियान की समीक्षा की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तरकाशी के सिल्क्यारा के पास सुरंगों में फंसे श्रमिकों को बचाने के लिए चल रहे राहत और बचाव कार्यों के बारे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से टेलीफोन पर बातचीत की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि केंद्र और राज्य की एजेंसियों के परस्पर समन्वय से श्रमिकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा. फंसे मजदूरों का मनोबल बनाए रखने की जरूरत है।
हालात की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य और केंद्रीय एजेंसियां मिलकर और तेजी से राहत और बचाव कार्यों पर काम कर रही है। सुरंग में फंसे मजदूर सुरक्षित है। उन्हें आक्सीजन, पौष्टिक भोजन और पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है। सिल्कयारा सुरंग पर अपडेट के लिए पीएम मोदी अब तक सीएम धामी को तीन बार फोन कर चुके है।
इससे पहले रविवार को उत्तरकाशी पहुंचे केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मीडिया से बातचीत में कहा, ”हम सफल होंगे.” इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी चिंता व्यक्त की. राज्य सरकार हमारी मदद कर रही है. इस बचाव कार्यों में कई भारतीय सरकारी एजेंसियां योगदान दे रही हैं। इनमें निजी कंपनियां भी शामिल हैं. अमेरिकी विशेषज्ञों से भी सलाह ली गई. हमारी प्राथमिकता उनकी जान बचाना है. यहाँ काम युद्धस्तर पर चल रहा है। 6 इंच के पाइप के जरिए खाना, पानी और ऑक्सीजन भेजने की कोशिश कर रहे है। 42 मीटर का काम हो चुका है और जल्द ही उन तक पहुंच जाएगा। अभी तक काजू, पिस्ता और सूखे मेवे ही भेजे जा रहे हैं। हम 6 इंच पाइप के माध्यम से रोटी, सब्जियां और अन्य खाद्य पदार्थ भेज सकते हैं।
सुरंग में कैसे हुआ हादसा ?
आपको बता दें कि ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिल्क्यारा और डंडालगांव के बीच एक सुरंग का निर्माण किया जा रहा है। रविवार सुबह इसका एक हिस्सा ढह गया, जिससे सुरंग में 41 मजदूर फंस गए। इस सुरंग की कुल लंबाई 4.5 किमी है। इसके तहत सिल्क्यारा छोर से 2,340 मीटर तक और डंडालगांव छोर से 1,750 मीटर तक निर्माण किया गया। टनल के दोनों किनारों के बीच 441 मीटर की दूरी का निर्माण होना था। अधिकारियों ने कहा था कि टनल सिल्क्यारा की तरफ से ढही है सुरंग का जो हिस्सा ढह गया, वह प्रवेश द्वार से 200 मीटर की दूरी पर था।