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विजय माल्या के बेटे सिद्धार्थ माल्या का BCCI और IPL पर निशाना !

विजय माल्या के बेटे सिद्धार्थ माल्या का BCCI और IPL पर निशाना: RCB की जीत का वीडियो हटाए जाने से भड़के

RCB Video Removed: इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) को लेकर हाल ही में एक बड़ा विवाद तब सामने आया जब बिजनेसमैन विजय माल्या के बेटे सिद्धार्थ माल्या ने BCCI (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) और IPL प्रशासन पर सोशल मीडिया के ज़रिए हमला बोला। विवाद की वजह बना RCB की एक ऐतिहासिक जीत का वीडियो, जिसे सिद्धार्थ ने शेयर किया था और जिसे बाद में सोशल मीडिया से हटा दिया गया।

क्या है पूरा मामला?

सिद्धार्थ माल्या ने अपने इंस्टाग्राम और ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट किया था जिसमें RCB की एक जीत के जश्न का दृश्य था। वीडियो को IPL के अधिकारों की दुहाई देकर प्लेटफॉर्म से हटा दिया गया। इस पर सिद्धार्थ ने नाराज़गी जताई और IPL और BCCI पर खुलकर अपनी भड़ास निकाली। उन्होंने पोस्ट में लिखा:

“RCB की जीत की क्लिप पोस्ट करने पर BCCI ने मेरे वीडियो को हटवा दिया। मैं टीम के निर्माण का हिस्सा रहा हूँ और यह मेरा भी इतिहास है। आखिर इतने सालों बाद भी ये ‘कंट्रोल’ क्यों?”


IPL और मीडिया अधिकार

IPL की ब्रॉडकास्ट और डिजिटल सामग्री के अधिकार BCCI और उससे जुड़े पार्टनर्स के पास होते हैं। इन नियमों के तहत, मैच से जुड़े वीडियो, हाइलाइट्स या किसी भी तरह की कॉपीराइट सामग्री को बिना अनुमति के पोस्ट या प्रसारित नहीं किया जा सकता। सिद्धार्थ माल्या द्वारा साझा किया गया वीडियो इसी श्रेणी में आता था, जिसके चलते प्लेटफॉर्म द्वारा इसे हटा दिया गया।

RCB और माल्या परिवार का रिश्ता

RCB की स्थापना 2008 में हुई थी और इसकी फ्रेंचाइज़ी पहले यूबी ग्रुप (UB Group) के पास थी, जिसके मालिक विजय माल्या थे।

टीम का शुरुआती ब्रांड और इमेज बिल्डिंग में सिद्धार्थ माल्या ने सक्रिय भूमिका निभाई थी। वह टीम के शुरुआती प्रमोशनल कैंपेन, मैनेजमेंट और पब्लिक अपीयरेंस में शामिल रहे।

हालांकि 2016 के बाद, जब माल्या पर वित्तीय धोखाधड़ी के मामले दर्ज हुए और वह भारत छोड़कर लंदन चले गए, तब से RCB का स्वामित्व बदल गया और अब यह टीम United Spirits और Diageo के अंतर्गत आती है।

फैंस ने भी जताई नाराज़गी

सोशल मीडिया पर कई फैंस ने सिद्धार्थ के साथ सहानुभूति दिखाई। कुछ लोगों का कहना है कि एक बार टीम से जुड़े रहे व्यक्ति को इतनी सख्ती से कंटेंट हटाने पर नोटिस देना ठीक नहीं है, खासकर तब जब वह वीडियो टीम के पुराने गौरव को दिखा रहा हो। वहीं कुछ लोग इसे BCCI की कंट्रोल नीति का हिस्सा बता रहे हैं जो मीडिया अधिकारों की सुरक्षा को लेकर कड़ा रवैया अपनाता है।

BCCI और IPL का जवाब

इस मामले पर BCCI या IPL प्रशासन की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन मीडिया विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है। IPL की वीडियो क्लिप्स और ब्रॉडकास्ट कंटेंट को किसी भी रूप में पब्लिश करना या रीपोस्ट करना बिना अधिकृत लाइसेंस के, कॉपीराइट उल्लंघन माना जाता है।

क्या यह विवाद और बढ़ेगा?

यह पहली बार नहीं है जब सोशल मीडिया पर IPL कंटेंट हटाए जाने को लेकर विवाद हुआ हो। पहले भी फैंस और पूर्व खिलाड़ियों ने इस मुद्दे को उठाया है कि क्रिकेट से जुड़े भावनात्मक और ऐतिहासिक पलों को सख्ती से हटाना फैंस के अनुभव को नुकसान पहुंचाता है।

सिद्धार्थ माल्या के पोस्ट ने इस बहस को फिर से हवा दी है कि क्या ऐसे पुराने वीडियोज को भी कॉपीराइट के दायरे में लाना सही है? और क्या BCCI को इन नियमों में थोड़ा लचीलापन लाना चाहिए?

निष्कर्ष

सिद्धार्थ माल्या का यह गुस्सा केवल व्यक्तिगत भावनाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह सोशल मीडिया पर क्रिकेट कंटेंट की सेंसरशिप और अधिकारों के नियंत्रण को लेकर चल रही बड़ी बहस का हिस्सा बन गया है। RCB की ऐतिहासिक जीत की झलकियाँ केवल क्रिकेट प्रेमियों के लिए यादें नहीं बल्कि भावनाओं का हिस्सा हैं। ऐसे में इन पलों को सीमित करना एक बड़ी बहस को जन्म देता है।

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