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ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना का अगला कदम क्या होगा?

Operation Sindoor – ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना का अगला कदम क्या होगा? वायुसेना को पूरी छूट!

भारत में हाल ही में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ ऑपरेशन सिंदूर अब एक नए सैन्य अध्याय की भूमिका बन चुका है। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, भारत सरकार ने भारतीय वायुसेना (IAF) को संभावित अगली कार्रवाई के लिए पूर्ण स्वतंत्रता दे दी है। देश की सुरक्षा नीति में यह एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है।

क्या था ऑपरेशन सिंदूर?

ऑपरेशन सिंदूर भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा हाल ही में अंजाम दिया गया एक गुप्त और रणनीतिक अभियान था, जिसका उद्देश्य सीमापार से हो रही घुसपैठ, आतंकी गतिविधियों और राष्ट्रविरोधी तत्वों को निशाना बनाना था। इस ऑपरेशन को भारतीय सेना, वायुसेना और खुफिया एजेंसियों के समन्वय से अंजाम दिया गया।

सूत्रों के अनुसार, ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकवादी लॉन्च पैड्स, घुसपैठ रूट्स और लॉजिस्टिक सपोर्ट नेटवर्क को निशाना बनाया गया। ऑपरेशन की सफलता का अंदाज़ा इसी से लगाया जा सकता है कि कई विदेशी मीडिया हाउस ने भी इसकी प्रशंसा की।

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अब क्या है अगली रणनीति?

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद भारत सरकार ने वायुसेना को अगली कार्यवाही के लिए फ्री हैंड (खुली छूट) दे दी है। इसका अर्थ है कि भारतीय वायुसेना अब ज़रूरत के अनुसार, समय और स्थान तय करके कार्रवाई कर सकती है, चाहे वह नियंत्रण रेखा के पास हो या अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में।

एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने बताया:

“भारत अब रिएक्टिव नहीं, बल्कि प्रो-एक्टिव रणनीति अपना रहा है। वायुसेना को निर्देश दिए गए हैं कि यदि कोई भी देश या संगठन भारत की संप्रभुता को चुनौती देता है, तो तुरंत कार्रवाई की जाए।”

क्या हो सकता है अगला टारगेट?

रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि अगला एक्शन उन क्षेत्रों में हो सकता है जहां हाल के दिनों में ड्रोन घुसपैठ, आतंकी मूवमेंट या विदेशी एजेंसियों की संदिग्ध गतिविधियां देखी गई हैं। इसमें सीमावर्ती इलाके, समुद्री क्षेत्र और उत्तर-पूर्वी सीमाएं प्रमुख हो सकते हैं।

विश्लेषणकर्ता ब्रिगेडियर (से.नि.) अरविंद नारंग कहते हैं:

“वायुसेना के पास अब केवल सुरक्षा का नहीं, बल्कि सक्रिय संरक्षण का जिम्मा है। ये रणनीति भारत को नए वैश्विक सुरक्षा ढांचे में अधिक निर्णायक स्थान दिलाएगी।”

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

भारत की इस आक्रामक सुरक्षा नीति पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया भी आनी शुरू हो गई है। कई देशों ने इसे भारत का “राइट टू सेल्फ-डिफेंस” करार दिया है, वहीं कुछ पड़ोसी देशों ने चिंता भी जताई है। भारत ने स्पष्ट किया है कि उसका मकसद शांति बनाए रखना है, लेकिन कमजोरी नहीं दिखाना।

विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया:

“भारत हमेशा शांति का पक्षधर रहा है, लेकिन किसी भी प्रकार की संप्रभुता पर चोट को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”

वायुसेना की तैयारियां

भारतीय वायुसेना लगातार अपने स्ट्राइक स्क्वाड्रन, ड्रोन यूनिट्स और रडार सिस्टम्स को अपग्रेड कर रही है। राफेल, सुखोई और तेजस जैसे एडवांस्ड फाइटर जेट्स अब सीमावर्ती क्षेत्रों में अलर्ट मोड में हैं। इसके अलावा, भारत अपने AI बेस्ड वार डिफेंस सिस्टम और सैटेलाइट इंटेलिजेंस को भी युद्ध स्तर पर तैयार कर रहा है।

विशेषज्ञों का मानना

रक्षा मामलों के जानकारों का मानना है कि यह बदलाव केवल एक रणनीति नहीं, बल्कि नई भारत की नई नीति का प्रतीक है। भारत अब दुनिया को यह संदेश देना चाहता है कि वह आत्मरक्षा में सक्षम है और निर्णय लेने में स्वतंत्र भी।

निष्कर्ष: नया भारत, नई नीति

ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सफल सैन्य कार्रवाई नहीं था, बल्कि उसने भारत के सुरक्षा दृष्टिकोण को बदल दिया है। अब जब भारतीय वायुसेना को खुली छूट दी गई है, तो यह साफ संकेत है कि भारत अब किसी भी खतरे के खिलाफ इंतज़ार नहीं करेगा, बल्कि पहले कदम उठाएगा।

यह नीति भारत की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा को मज़बूत करेगी, और दुनिया को दिखाएगी कि “शांति की कामना करने वाला भारत, आवश्यकता पड़ने पर पराक्रम भी दिखा सकता है।”

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