शराब के नशे में फील्ड पर उतरे इन 4 खिलाड़ियों ने मचाया तूफान, लिस्ट में भारतीय क्रिकेटर विनोद कांबली भी शामिल
क्रिकेट एक ऐसा खेल है जिसमें अनुशासन और पेशेवर रवैये की अत्यधिक आवश्यकता होती है। लेकिन जब खिलाड़ी अपने निजी जीवन की सीमाएं पार करते हैं, तो उसका असर उनके खेल पर भी साफ नजर आता है। क्रिकेट इतिहास में कुछ ऐसे भी मौके आए जब खिलाड़ियों ने शराब के नशे में फील्ड पर कदम रखा और न केवल खुद की, बल्कि अपनी टीम की छवि को भी नुकसान पहुंचाया। इस लेख में हम ऐसे ही चार खिलाड़ियों की बात कर रहे हैं, जिन्होंने नशे में चूर होकर सुर्खियां बटोरीं—और इस लिस्ट में भारतीय क्रिकेटर विनोद कांबली का नाम भी शामिल है।
1. विनोद कांबली – भारत
भारतीय क्रिकेटर विनोद कांबली का करियर प्रतिभा से भरपूर था, लेकिन उनका व्यक्तिगत जीवन कई विवादों से जुड़ा रहा। एक बार कांबली को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में एक घरेलू मैच के दौरान शराब के नशे में देखा गया। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह काफी समय तक बेंच पर लड़खड़ाते हुए बैठे रहे और साथी खिलाड़ियों ने उन्हें संभाला। यह घटना कांबली के करियर के उस मोड़ पर आई जब वे पहले ही टीम इंडिया से बाहर हो चुके थे। यह विवाद उनके क्रिकेटिंग भविष्य को और भी अधिक अनिश्चित बना गया।

2. एंड्रयू फ्लिंटॉफ – इंग्लैंड
इंग्लैंड के ऑलराउंडर एंड्रयू फ्लिंटॉफ भी इस लिस्ट में शामिल हैं। 2007 विश्व कप के दौरान फ्लिंटॉफ को शराब के नशे में नाव चलाने की कोशिश करते हुए पकड़ा गया था, जिसे ‘पेडलो गेट’ कहा गया। इंग्लैंड की टीम को शर्मिंदगी झेलनी पड़ी और फ्लिंटॉफ को एक मैच के लिए सस्पेंड कर दिया गया।
यह घटना उनके करियर के लिए एक काली छाया बन गई, हालांकि बाद में उन्होंने अपने प्रदर्शन से वापसी की।
3. जेसी राइडर – न्यूजीलैंड
न्यूजीलैंड के विस्फोटक बल्लेबाज जेसी राइडर का करियर भी शराब और व्यवहार संबंधित समस्याओं की भेंट चढ़ गया। राइडर को कई बार शराब के नशे में सार्वजनिक जगहों पर हंगामा करते हुए देखा गया। 2012 में एक होटल में नशे की हालत में झगड़ा करने के बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया गया। राइडर की बल्लेबाजी क्षमता बेमिसाल थी, लेकिन उनकी आदतों ने उनके करियर को छोटा कर दिया।
4. रिकी पोंटिंग – ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग भी अपने शुरुआती दिनों में शराब के चलते विवादों में आ चुके हैं। 1999 में एक नाइट क्लब में हुए झगड़े के बाद उन्होंने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी थी। इस घटना के बाद उन्होंने अपने करियर को पटरी पर लाने के लिए कड़ी मेहनत की और भविष्य में ऑस्ट्रेलिया को एक सफल कप्तान के रूप में आगे बढ़ाया।
क्रिकेट और अनुशासन: एक अहम रिश्ता
इन घटनाओं से यह स्पष्ट होता है कि क्रिकेट में केवल टैलेंट नहीं, बल्कि अनुशासन और जिम्मेदारी भी उतनी ही जरूरी होती है। जब खिलाड़ी अपने व्यक्तिगत जीवन की जिम्मेदारियों को नजरअंदाज करते हैं, तो उसका प्रभाव उनके खेल पर सीधा पड़ता है। हालांकि कुछ खिलाड़ियों ने अपने विवादों से सीख लेकर वापसी की, लेकिन कुछ के लिए ये घटनाएं उनके करियर के अंत का कारण बन गईं।
निष्कर्ष
क्रिकेट में नशा एक गंभीर मुद्दा है, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। विनोद कांबली, एंड्रयू फ्लिंटॉफ, जेसी राइडर और रिकी पोंटिंग की कहानियां इस बात का प्रमाण हैं कि गलत आदतें कितनी बड़ी उपलब्धियों को भी पीछे छोड़ सकती हैं। क्रिकेट बोर्ड और खिलाड़ी दोनों को चाहिए कि वे व्यक्तिगत अनुशासन को प्राथमिकता दें ताकि भविष्य में ऐसे विवादों से बचा जा सके।

