हिमाचल में केलोंग, मंडी,पालमपुर ,चम्बा मणिमहेश में घूमने के लिए सबसे अच्छे पर्यटक स्थल
हिमाचल प्रदेश उत्तर भारत का सबसे लोकप्रिय हिल स्टेशन है, जो कई खूबसूरत जगहों के लिए प्रसिद्ध है। अगर आपको वास्तव में पहाड़ों का सुंदर दृश्य पसंद है। आपको यहां ऐसे नजारे देखने को मिलेंगे जो आपको स्वर्ग जैसी अद्भुत दुनिया की सैर करा देंगे। एक शांतिपूर्ण यात्रा जो आपको रोजमर्रा की जिंदगी की चिंताओं को भुला देगी। यहां की तिब्बती संस्कृति की एक झलक भी आपका मन मोह लेगी। किसी मठ में जाकर आप अपनी आध्यात्मिकता को चरम सीमा तक पहुंचा सकते हैं। हाइकिंग, स्कीइंग, माउंटेन बाइकिंग आदि के साथ-साथ आप यहां अपनी यात्रा को सुखद भी बना सकते हैं। हिमाचल प्रदेश के पर्यटक आकर्षण इन सभी का एक संयोजन हैं। कोई भी क्षेत्र आपको किसी भी मायने में फीका-सा नहीं लगेगा।
हिमाचल प्रदेश के सबसे अच्छे पर्यटक स्थल
पश्चिमी हिमालय के गोद में स्थित यह राज्य पहाड़ों और नदियों से घिरा हुआ है। यह राज्य रावी, चिनाब, ब्यास, यमुना और सतलज जैसी प्रमुख नदियों का उद्गम स्थल है। प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर यह इलाका छुट्टियों के लिए बेहतरीन विकल्प है। तो, बिना किसी देरी के, हिमाचल प्रदेश के पर्यटन स्थलों का नक्शा लें और एक यादगार यात्रा के लिए निकल पड़ें। आइए जानते हैं कुछ बेहतरीन जगहों के बारे में:
केलोंग
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हिमाचल प्रदेश के लाहौल और स्पीती के पास स्थित केलोंग एक बेहद ही शांत और खूबसूरत जगह है। समुद्र तल से लगभग 3 हज़ार से भी अधिक मीटर की ऊंचाई पर मौजूद कीलोंग कई प्रसिद्ध मठ के लिए प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि सर्दियों में अधिक बर्फबारी होने के चलते इस स्थान का कई दिनों तक अन्य जगहों से संपर्क टूट जाता है। मनाली से केलोंग की दूरी लगभग 70 किमी है।
केलांग जाने का सबसे अच्छा समय मई और अक्टूबर के बीच है क्योंकि रोहतांग दर्रे में भारी बर्फबारी के कारण साल के बाकी दिनों में यह दुनिया के बाकी हिस्सों से कट जाता है। मई और जून के महीनों में दुनिया भर से बहुत से लोग यहां आते हैं।
सूरज ताल
शायद आपको पता है अगर नहीं पता है तो आपको बता दें कि सूरज ताल समुद्र तल से लगभग 49 हज़ार से भी अधिक मीटर की ऊंचाई पर स्थित भारत की तीसरी और हिमाचल प्रदेश की सबसे उंची झील है। इसके अलावा विश्व की 21वीं उंची झील भी है।
(कंकालों की झील)इस झील का पानी और इसके आसपास के दृश्य को देखकर यक़ीनन आप कुछ समय के लिए आश्चर्य में पड़ सकते हैं। की झील के हर तरफ ऊंचे-ऊंचे पहाड़ ही दिखाई देंगे। इस झील के बारे में आपको यह भी बता दे कि इस झील को कई लोग ‘सूर्य देवता की झील’ भी मानते हैं।
शशूर मठ
केलांग में सूरज ताल घूमने के बाद आप प्रसिद्ध और पवित्र “शशूर मठ” के दर्शन भी कर सकते हैं। यह तीन मंजिला बौद्ध मठ है। इस पवित्र मठ के चारों ओर ऊंचे पहाड़ हैं, और मठ के चारों ओर नीले देवदार के पेड़ पाए जाते हैं। कहा जाता है कि शशूर मठ का निर्माण 7वीं शताब्दी में हुआ था।
शशुर मठ लगभग 600 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और केलांग शहर का मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है। बर्फबारी के दौरान मठ के अलावा आसपास के पेड़ और पहाड़ भी बर्फ से ढक जाते हैं।
रिवाल्सर झील मंडी हिमाचल प्रदेश
मंडी ब्यास नदी के तट पर हिमाचल प्रदेश का एक ऐतिहासिक शहर है। यह लंबे समय से एक महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र रहा है और कहा जाता है कि ऋषि मांडव ने यहां ध्यान किया था। मंडी के शाही राज्य की पूर्व राजधानी एक तेजी से बढ़ता हुआ शहर है जो अभी भी अपने मूल आकर्षण और चरित्र को बरकरार रखता है। आज यह जिला एक मुख्यालय है।
मंडी अपने 81 प्राचीन पत्थर के मंदिरों और सुंदर चित्रों के लिए प्रसिद्ध है, और अक्सर इसे ‘पहाड़ियों की वाराणसी’ कहा जाता है। शहर में पुराने महल और ‘औपनिवेशिक’ वास्तुकला के प्रसिद्ध उदाहरण हैं। रिवालसर मंडी में भूतनाथ, त्रिलोकीनाथ, पंचवक्त्र और श्यामकाली मंदिर प्रसिद्ध हैं।
मंडी में सप्ताह भर चलने वाला अंतर्राष्ट्रीय शिवरात्रि मेला इस क्षेत्र का वार्षिक आकर्षण है। वर्ष 2013 में यह मेला मार्च में मनाया जाता है। यह प्रदर्शनी पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोगों को सांस्कृतिक कार्यक्रमों जैसे मेले, प्रदर्शनियों, खेल आदि से आकर्षित करती है।
मणिमहेश लेक चम्बा
चंबा जिला की एक और बहुत शानदार झील है , मणिमहेश झील का उतना ही महत्व माना जाता है जितना कि तिब्बत में मानसरोवर झील का। यह झील शिव भगवान के 7 कैलाशों में से सब से लोकप्रिय है , और लगभग ऊंचाई पर स्थित है। समुद्र तल से 4000 मी. यह झील कैलाश पर्वत में स्थित है और सब से उच्च ऊंचाई वाले तीर्थ ट्रेक का स्थानों में से एक है। चंबा जिले में घूमने के लिए सबसे प्रतिष्ठित स्थानों में से एक है।, झील को भगवान शिव का निवास माना जाता है।
पूरे देश से भक्त भगवान शिव का आशीर्वाद लेने के लिए मानसून की अवधि में पवित्र झील तक जाते हैं। इस के चारों ओर बर्फ से ढके पहाड़ों का पूरा दृश्य प्रकृति की सबसे मनमोहक ददृश्य में से एक है।
सौरभ वन विहार पालमपुर
सौरभ वन विहार का नाम भारतीय सेना के एक बहादुर अधिकारी कैप्टन सौरभ कालिया के नाम पर रखा गया है। यह धौलाधार पहाड़ियों के मध्य स्थित एक राष्ट्रीय उद्यान है जो 35 एकड़ के क्षेत्र में फैला हुआ है। वहां आपको एक वोटिंग फिश एक्वेरियम मिलेगा। यह पालमपुर के मुख्य शहर से तीन किलोमीटर दूर है
चाय के बागान
यह पालमपुर से सौरभ वन विहार के मध्य में स्थित है, जो विश्व प्रसिद्ध चाय बागान है, जिसे उत्तर भारत की ‘चाय की राजधानी’ के रूप में जाना जाता है। पूरा शहर में हरे-भरे बगीचे से भरा पड़ा है हैं, जो की इसे घूमने के लिए एक खूबसूरत पर्यटन स्थल बनाते हैं।
पालमपुर के यहां की चाय की पत्तियों की महक किसी भी चाय प्रेमी को एक अलग ही दुनिया में ले जा सकती है। यहां आप ग्रीन टी गार्डन के बीच में तस्वीरें ले सकते हैं। साथ ही चाय बनाने की प्रक्रिया को आप यहां विस्तार से जान सकते हैं। यह प्राचीन झील चंबा घाटी में घूमने के लिए लोकप्रिय स्थानों में से एक है, जो इसके सुरम्य परिवेश हैं। झील का निर्माण रावी नदी के अभिसरण से हुआ है लेकिन झील का प्रमुख स्रोत झील के ऊपर बना तटबंध है। प्राकृतिक दृश्यों के अलावा, झील स्पीड बोटिंग जैसी कई मनोरंजक गतिविधियाँ भी प्रदान करती है। यह झील घूमने आने वाले सैलानियों के बीच काफी मशहूर है। साल भर इसकी स्फूर्तिदायक जलवायु इसे पर्यटकों के लिए एक रोमांचक पिकनिक स्थल बनाती है।